रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को व्यक्तिगत राहत के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी याचिका
भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच, गिरफ्तारी और पूछताछ की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत राहत की मांग सीधे सुप्रीम कोर्ट में नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट में अपील करनी होगी, जहां से इस मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाए।
PMLA की वैधता पर दायर चुनौती पर 6 अगस्त को सुनवाई
इस केस के साथ-साथ, याचिकाकर्ताओं ने धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी को जांच और गिरफ्तारी की शक्तियों को लेकर कानून की संवैधानिक वैधता को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस बिंदु पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नई याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया, जिस पर अगली सुनवाई 6 अगस्त को निर्धारित की गई है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है, और अब सभी की नजरें हाईकोर्ट में होने वाली अगली कार्यवाही पर टिकी हुई हैं।