गांधीनगर : पूरे भारत में मानसून का आगमन हो चुका है और इसके साथ ही मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो चुका है। लेकिन पहली बारिश के साथ ही देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के बाद गुजरात में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सूरत में तो आलम ऐसा है कि सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं और रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से लोग घरों में कैद हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि सूरत में पिछले 24 घंटों में 346 मिमी बारिश हुई है। सूरत में हालात इतने गंभीर हैं कि रेलवे अंडरपास और हाईवे पर जलभराव के कारण यातायात ठप हो गया है। कड़ोदरा और कामरेज जैसे इलाकों में गाड़ियां पानी में डूबीं और नगरपालिका के ट्रैक्टर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में लगे हैं। प्रशासन ने स्कूलों को बंद कर दिया है और लोगों से घरों में रहने की अपील की है। दुकानें बंद हैं और रोजमर्रा की चीजें खरीदना भी मुश्किल हो गया है।
वहीं, दूसरी ओर मौसम विभाग ने एक बार फिर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की मानें तो सूरत, नवसारी, वलसाड, और अमरेली में अगले तीन दिन तक मूसलाधार बारिश होने वाली है। वहीं, अहमदाबाद, वडोदरा, और गांधीनगर में भी तेजी बारिश हो सकती है। जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 28 जून तक के लिए राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है।
सूरत के अलावा, नवसारी, वलसाड, भावनगर, और अमरेली जैसे जिलों में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई है। तापी जिले के डोलवान में 7 इंच और नवसारी के जलालपोर में 5 इंच बारिश दर्ज की गई। बांधों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है, और कई नदियां उफान पर हैं। अहमदाबाद में भी जलभराव की खबरें हैं, हालांकि स्थिति सूरत जितनी गंभीर नहीं है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।