रायगढ़ : जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत लैलूंगा वन परिक्षेत्र में मंगलवार रात जंगली हाथियों ने भयंकर उत्पात मचाया। गोसाईडीह और मोहनपुर गांवों में एक मादा हाथी और उसके शावक ने तांडव मचाते हुए तीन ग्रामीणों की जान ले ली। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है, जबकि ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। बता दें कि गोसाईडीह गांव में 5 वर्षीय मासूम बच्ची सत्यम राउत अपने घर के पास खेल रही थी, तभी हाथी और उसके शावक ने उसे उठाकर पटक-पटक कर मार डाला।
दूसरी घटना मोहनपुर गांव में हुई, जहां एक महिला खेत में काम कर रही थी। हाथी ने उसे कुचल कर उसकी जान ले ली। तीसरी घटना में एक व्यक्ति अपने घर में सो रहा था, जब हाथियों ने उसके मकान को ध्वस्त कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाथियों ने कई घरों को तहस-नहस कर दिया और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस भयावह घटना के बाद गोसाईडीह, मोहनपुर और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने हाथियों की आवाजाही पर नजर रखने और समय पर कार्रवाई करने में पूरी तरह लापरवाही बरती।
धरमजयगढ़ क्षेत्र में पहले भी हाथी हमलों की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने निगरानी और सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल निगरानी बढ़ाई जाए और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और लैलूंगा पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य शुरू किए गए हैं, और मृतकों के परिजनों को मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वन विभाग के अनुसार, प्रभावित परिवारों को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।