बिलासपुर : शिक्षकों के क्रमोन्नति मुद्दे पर हाईकोर्ट में डे बाय डे सुनवाई हो रही है। सोमवार तीन नवंबर से शुरू हुई सुनवाई, मंगलवार को भी जारी हुई। इस दौरान हाईकोर्ट में पंचायत संवर्ग से आए शिक्षाकर्मी (ग्रेड I, II व III) के शासकीयकरण के बाद वरिष्ठता, ग्रेडेशन लिस्ट और क्रमोन्नति के विवाद पर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रखा गया।
बहस के दौरान न्यायालय ने छह महत्वपूर्ण बिंदु चिन्हित किए, जिन पर अब याचिकाकर्ताओं को सोमवार को जवाब देने को कहा गया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एन. के. व्यास की सिंगल बेंच ने कहा कि इन प्रश्नों के उत्तर से मामले की दिशा स्पष्ट होगी।
अदालत ने जिन प्रमुख बिंदुओं को तय किया—
याचिका खारिज होने का प्रभाव:
क्या इससे पहले सिंगल बेंच, डिवीजन बेंच और सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने का वर्तमान याचिकाओं (जिसमें सोनिया साहू एवं अन्य शिक्षाकर्मियों ने शासकीयकरण के बाद की सेवा जोड़कर पदोन्नति व ग्रेडेशन सूची की मांग की है) पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
शिक्षाकर्मी शासकीय सेवक थे या नहीं?
क्या शिक्षाकर्मी अपने अस्तित्व काल में “सरकारी कर्मचारी” की परिभाषा में आते थे या नहीं?
पंचायत कर्मी = राज्य कर्मी?
पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अनुसार—क्या पंचायत में कार्यरत कोई कर्मचारी राज्य शासन का कर्मचारी माना जा सकता है?
WPS 3369/2021 का असर:
क्या 10 जुलाई 2025 को तय किया गया WPS No. 3369/2021 का मामला उन्हीं तथ्यों पर आधारित है जो वर्तमान मामलों में हैं?
यदि हां, तो क्या मौजूदा सुनवाई को स्थगित (abeyance) किया जाना चाहिए?
10 मार्च 2017 का परिपत्र:
क्या 10.03.2017 का राज्य शासन का सर्कुलर पूर्व शिक्षाकर्मियों (ग्रेड I, II, III) पर लागू होता है?
तथा क्या डिवीजन बेंच ने इस पहलू पर विचार किया था?
SLP खारिज, मुद्दा खुला – पुनः सुनवाई संभव?
सुप्रीम कोर्ट ने SLP खारिज करते समय बिंदु को “ओपन” रखा है—ऐसी स्थिति में क्या सिंगल बेंच इस मुद्दे की दोबारा जांच कर सकती है?
अब इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े 1020 केस के बंच की एक साथ सुनवाई हो रही है। शिक्षकों ने सोना साहू के पक्ष में डबल बेंच के आये फैसले के आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी केस को क्लब को एक साथ सुनवाई का फैसला लिया है। साथ ही ये भी कहा है कि हर दिन इस याचिका पर सुनवाई होगी।





















