रायपुर : छत्तीतसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना खत्म हो गयी है। अब छत्तीसगढ़ में होने वाली नयी भर्ती में सिर्फ एनपीएस या यूपीएस चयन का ही आप्शन मिलेगा। छत्तीसगढ़ में यूपीएस यानि एकीकृत पेंशन योजना को लेकर राज्य सराकर ने राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। 1 अगस्त 2025 से छत्तीसगढ़ में यूपीएस लागू होगा। आपको बता दें किUPS सिर्फ और सिर्फ सरकारी कमचारियों के लिए लागू होगा, जो पहले से ही NPS के तहत रजिस्टर्ड हैं. सरकारी कर्मचारियों के पास विकल होगा कि वे NPS या UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर UPS है क्या? तो बता दें कि यूपीएस के तहत अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो कर्मचारी के रिटायरमेंट के पहले के आखिरी 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा. कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी। वहीं अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को भी एक निश्चित पेंशन मिलती रहेगी, जो उसे मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी होगी। इसके अलावा, मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा, जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं तो उन्हें कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी।
सरकारी योगदान कितना होगा?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14 फीसदी होता है। वहीं 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही UPS में सरकार का ये कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा। इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू किए जाने से करीब 23 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचने वाला है और सरकारी खजाने पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ पहले साल 6250 करोड़ रुपये होगा।
