सरगुजा : सरगुजा जिले के बतौली तहसील कार्यालय में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना घटित हुई। पेशी के इंतजार में आए एक रिटायर शिक्षक की कुर्सी पर बैठे-बैठे मौत हो गई, लेकिन इसके बावजूद कार्यालय में अधिकारियों का कामकाज चलता रहा। घटना के समय अनुविभागीय अधिकारी (SDM) नीरज कौशिक द्वारा लिंक कोर्ट में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई की जा रही थी।
लगभग दोपहर 1 बजे, बतौली क्षेत्र के सरमना निवासी रिटायर्ड शिक्षक सहदेव पैंकरा (उम्र लगभग 70 वर्ष) कुर्सी पर बैठे-बैठे अचानक गिर पड़े। उपस्थित लोगों ने तत्काल उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों के अनुसार, सहदेव पैंकरा अपने नाती जय पैंकरा के साथ तहसील दफ्तर में बंटवारा प्रकरण की सुनवाई के लिए पहुंचे थे। जय पैंकरा ने बताया,
“मेरे दादा सुबह 11 बजे से पेशी की बारी का इंतजार कर रहे थे। चार साल से यह बंटवारा प्रकरण चल रहा था और लगातार पेशियां लग रही थीं। इंतजार के दौरान अचानक उन्हें चक्कर आया और वे गिर पड़े। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।”
यह घटना न केवल मृतक के परिवार के लिए गहरा सदमा है, बल्कि तहसील कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की लंबी सुनवाई प्रक्रियाएं बुजुर्गों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से थकाऊ होती हैं। बतौली तहसील में हर गुरुवार को लिंक कोर्ट का संचालन किया जाता है, जिसमें दूर-दराज के ग्रामीण अपने मामलों की सुनवाई के लिए आते हैं।
मृतक शिक्षक सहदेव पैंकरा चार वर्षों से अपने बंटवारे के प्रकरण में न्याय पाने के लिए पेशियां भर रहे थे। गांव में इस घटना के बाद शोक का माहौल है। परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि लंबित मामलों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए, ताकि बुजुर्गों को बार-बार पेशी के लिए परेशान न होना पड़े। साथ ही, कार्यालयों में बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करने की भी अपील की गई है।