अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 गुरुवार को उड़ान भरते ही भीषण हादसे का शिकार हो गई। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के महज कुछ सेकंड बाद क्रैश हो गया।
इस दर्दनाक हादसे में 242 यात्रियों में से अब तक 204 की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इस तबाही के बीच एक चमत्कार ने सभी को हैरत में डाल दिया। इस भयानक हादसे में विश्वास कुमार रमेश नाम के एक यात्री की जान बच गई है। 40 वर्षीय विश्वास ने बताया कि हादसे के वक्त उन्हें सिर्फ एक जोरदार धमाका सुनाई दिया, फिर चारों ओर आग और लाशें ही लाशें थीं। वे किसी तरह खुद को संभालते हुए मौके से भागे और फिर बेहोश हो गए। जब होश आया तो वे अस्पताल में थे।
विश्वास ने बताया, “मैं उड़ान में सीट 11A पर बैठा था। मेरे भाई अजय कुमार रमेश भी साथ थे, लेकिन हम अलग कतारों में बैठे थे। हादसे के बाद मैं हर तरफ अंधेरा और चीख-पुकार ही सुन पा रहा था। जब होश आया तो मैं अपने भाई को ढूंढ रहा था… लेकिन वे कहीं नहीं थे।” हादसे के वक्त, विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस से टकराया था, जिससे मेस में लंच कर रहे कई मेडिकल स्टूडेंट्स की भी जान गई। घटनास्थल से जुड़े दृश्य भयावह थे — विमान के टुकड़े इधर-उधर बिखरे हुए, जलती इमारतें और घायल लोगों की चीखें।
लंदन के निवासी हैं विश्वास
विश्वास कुमार पिछले 20 साल से लंदन में रह रहे हैं। वे भारत अपने परिवार से मिलने आए थे और अब अपने भाई अजय के साथ लंदन लौट रहे थे। यह फ्लाइट उनके लिए एक रूटीन यात्रा थी, लेकिन एक झटके में यह जिंदगी का सबसे भयावह अनुभव बन गई। वे फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी आंखों, सीने और पैरों में लगी चोटों का इलाज किया जा रहा है। उनका कहना है, “मुझे अब तक भरोसा नहीं हो रहा कि मैं जीवित हूं। यह किसी करिश्मे से कम नहीं है।”
अब भी भाई की तलाश में
विश्वास की सबसे बड़ी चिंता अब उनके भाई अजय को लेकर है। वे बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं: “कृपया मेरे भाई को ढूंढिए।” विमान हादसे में घायल अन्य लोगों का इलाज जारी है, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।