रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और सीनियर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर के 3 दिन के अल्टीमेटम ने सूबे की राजनीति गरमा दी है। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने की मांग को लेकर दिये गये इस चुनौती के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है। रायपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होने कहा कि….अब उन्होने मांग की है, तो उसमें जांच होगी, जांच के बाद ही उसमें कोई निर्णय लिया जायेगा।
वहीं दूसरी तरफ कलेक्टर की चिकित्सक पत्नी के मेडिकल कालेज अस्पताल में बगैर काम किये वेतन उठाने के आरोप में मेडिकल कालेज प्रबंधन ने प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत कर आरोपों का निराधार साबित कर दिया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में एक तरफ बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के एक बयान के बाद सूबे की राजनीति गरमा गयी है। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की कार्रवाईयों से नाराज ननकीराम कंवर ने सरकार से उन्हे हटाने की मांग कर दी है। यहां तक तो ठीक था, लेकिन ननकीराम कंवर ने इस मांग के साथ अल्टीमेटम भी दे दिया है कि यदि 3 दिन में कलेक्टर को नही हटाया जाता तो फिर वे अपने ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
बस इसी बयान के बाद प्रदेश की राजनीति गरमायी हुई है। एक तरफ जहां ननकीराम कंवर के इस बयान पर विपक्ष के नेता सरकार को सवाल खड़े कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ दिन गुजरने के साथ ही बीजेपी के लीडर्स को ये टेंशन हो रहा है कि कहीं ननकीराम कंवर सच में धरने पर बैठ गये तो फिर क्या होगा ? लिहाजा इस पूरे मसले पर जब सूबे के मुखिया से राजधानी रायपुर में सवाल किया गया, तो उन्होने दो टूक शब्दों में कह दिया कि….अब उन्होने मांग की है, तो उसमें जांच होगी, जांच के बाद ही उसमें कोई निर्णय लिया जायेगा। मतलब ननकीराम कंवर ने कलेक्टर अजीत वसंत की कार्रवाई व अन्य शिकायतों पर जांच करायी जायेगी। इसके बाद ही आगे कोई कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर से क्यों नाराज है ननकीराम कंवर
आपको बता दे छत्तीसगढ़ के सीनियर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री रहे ननकीराम कंवर का कलेक्टर के खिलाफ नाराजगी का ये कोई पहला मामला नही है। ननकीराम कंवर सत्ता में रहते हुए भी प्रशासनिक अधिकारियों और कलेक्टर की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते रहे है। ऐसे में एक बार फिर ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर जहां कोरबा कलेक्टर को हिटलर प्रशासक बताया है। वहीं उन्होने कलेक्टर द्वारा संवैधानिक अधिकार का दुरूपयोग करने का भी आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होने कलेक्टर पर अपनी चिकित्सक पत्नी को जिला खनिज न्यास मद से मेडिकल कालेज अस्पताल में पदस्थापना और बगैर काम के वेतन आहरण का भी आरोप लगाया है।
ननकीराम के आरोप को मेडिकल कालेज प्रबंधन ने किया गलत साबित
कलेक्टर अजीत वसंत की पत्नी रूपल ठाकुर पर ननकीराम कंवर द्वारा लगाये गये गंभीर आरोप को मेडिकल कालेज प्रबंधन ने गलत बताया है। मेडिकल कालेज के अधीक्षक द्वारा दी गयी जानकारी में स्पष्ट किया गया है कि डाॅ.रूपल ठाकुर की नियुक्ति सीनियर रेसीडेंट, स़्त्री एवं प्रसूतिरोग विभाग मेें 15 जून 2024 को हुई है। इसी दिन ज्वाइनिंग के बाद से आज दिनांक तक किसी प्रकार से अनाधिकृत रूप से अधिक अवकाश का उपभोग नही किया गया। डाॅ.रूपल ठाकुर द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद से अब तक 623 आॅपरेशन किये गये। इसके साथ ही प्रतिमाह ओपीडी के माध्यम से अनुमानित 200 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वहीं पदभार ग्रहण करने के बाद से अब तक डाॅ. रूपल ठाकुर ने 72 दिन इमरजेंसी ड्यूटी भी की। मेडिकल कालेज के इस प्रमाणिक दस्तावेज के बाद अब ननकीराम कंवर खुद अपने ही आरोपों के बीच घिरते नजर आ रहे है।