रायपुर : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारी लगातार 25वें दिन भी हड़ताल पर डटे रहे। कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त से आंदोलन शुरू किया था। उनकी प्रमुख मांगों में सेवा का नियमितीकरण, वेतनवृद्धि, भत्तों में बढ़ोतरी और कार्य परिस्थितियों में सुधार शामिल हैं। लंबे समय से चली आ रही इन मांगों के समाधान की दिशा में राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन कर्मचारी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने की कर्मचारियों से अपील
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। “मैं सभी NHM कर्मचारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल समाप्त कर सोमवार से काम पर लौटें। ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं, शेष बिंदुओं पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। सरकार के साथ मिलकर हम पत्राचार करेंगे और समाधान निकालेंगे,” मंत्री ने कहा।
सरकार ने उठाए कदम
भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। बताया गया कि समिति ने कर्मचारियों की 10 में से 5 प्रमुख मांगों पर सहमति दे दी है और इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें वेतन संरचना में सुधार, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश और कार्यस्थल सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
कर्मचारियों का रुख
NHM कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होते, वे हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। एक कर्मचारी नेता ने कहा, “हमने कई बार सरकार से बातचीत की है, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला है। इस बार हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक हमें लिखित आदेश नहीं मिल जाते।”
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
लगातार हड़ताल के कारण राज्य के ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। टीकाकरण कार्यक्रम, मातृ-शिशु स्वास्थ्य योजनाएं और नियमित जांच-पड़ताल में देरी हो रही है। मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
सरकार का संदेश
सरकार का कहना है कि लंबा आंदोलन जनहित में नहीं है और इससे सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हम कर्मचारियों की जायज मांगों को स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए अब उन्हें जनता की सेवा में लौटना चाहिए। आंदोलन से केवल स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है।”