गाजीपुर : गाजीपुर के ददरी घाट पर गंगा नदी में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जहां एक विशाल पत्थर तैरता हुआ पाया गया। इस पत्थर का वजन लगभग 2 क्विंटल बताया जा रहा है, फिर भी यह न तो डूब रहा है और न ही आसानी से उठाया जा सकता है। इस घटना ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में कौतूहल और आस्था की लहर पैदा कर दी है।
चमत्कार या विज्ञान?
स्थानीय लोगों ने इस पत्थर को रामायण काल के रामसेतु से जोड़कर देखना शुरू कर दिया है। श्रद्धालु इसे भगवान श्रीराम का चमत्कार मानते हुए पूजा-अर्चना कर रहे हैं। कई लोग घाट पर भजन-कीर्तन में लीन हैं, जबकि कुछ ने पत्थर को रस्सी से बांधकर रखा है ताकि यह बहकर आगे न चला जाए। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पत्थर संभवतः प्यूमिस हो सकता है, जो एक ज्वालामुखीय पत्थर है। इसकी छिद्रदार और हल्की संरचना के कारण यह पानी में तैर सकता है। ऐसे पत्थर भारत में खासकर रामेश्वरम क्षेत्र में पाए जाते हैं, जो रामसेतु से भी संबंधित माने जाते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल, बढ़ा उत्साह-
पत्थर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग इसे चमत्कारी घटना मानकर ददरी घाट पहुंच रहे हैं, जिससे वहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। स्थानीय मंदिर के पुजारी संत रामाधार और महंत रामाश्रय ने इसे त्रेतायुग से जोड़ा, जिससे लोगों की आस्था और गहरी हो गई है।






















