Gariyaband

CG – खटिया बनी शव वाहन : ना पैसे थे …. ना मिल पायी एंबुलेंस, बेबस परिजन खाट पर लादकर ले गये शव…

गरियाबंद : गरियाबंद जिले के अमलीपदर ब्लॉक में एक दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही उजागर कर दी बल्कि प्रशासन की संवेदनहीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमलीपदर के नयापारा ग्राम की 60 वर्षीय महिला, इच्छाबाई पटेल, का इलाज के दौरान सरकारी अस्पताल में निधन हो गया।

शव ले जाने में नहीं मिली मदद

महिला के निधन के बाद परिजन शव को गांव ले जाने के लिए परेशान होते रहे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। परिजनों का कहना है कि कई बार गुहार लगाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने कोई पहल नहीं की।

निजी वाहनों ने बढ़ाई मुसीबत

मजबूरी में जब परिजनों ने निजी वाहनों की मदद लेनी चाही, तो वाहन मालिकों ने शव ले जाने के लिए 4 से 5 हजार रुपए तक की मांग कर डाली। गरीब परिवार इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ था। इस स्थिति ने परिजनों की परेशानी और बढ़ा दी।

खटिया बनी शव वाहन

आखिरकार बेबस परिजनों ने मृतका का शव खटिया पर रखा और पैदल ही गांव तक ले गए। यह खटिया शव वाहन का रूप बन गई। शव को खटिया पर रखकर जब परिजन बाजार से होते हुए गांव तक पहुंचे, तो इस दृश्य को देखकर राहगीर भी सन्न रह गए। कई लोगों की आंखें नम हो गईं और प्रशासनिक उदासीनता पर गुस्सा भी फूटा।

लोगों में आक्रोश

घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अस्पताल प्रशासन या एंबुलेंस सेवा समय पर मदद करती, तो परिजनों को यह शर्मनाक स्थिति झेलनी नहीं पड़ती। लोगों का कहना है कि यह घटना न केवल मानवता पर प्रश्नचिह्न है बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की असली तस्वीर भी सामने लाती है।

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