बिलासपुर : कुटुंब न्यायालय में शुक्रवार को तलाक केस की सुनवाई के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई जब दो पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। यह विवाद इतना बढ़ गया कि मामला अदालत कक्ष से बाहर आकर हाथापाई में बदल गया। बताया जा रहा है कि आरक्षक अरुण कमलवंशी और दूसरी वाहिनी बटालियन सकरी में पदस्थ सिपाही संजय जोशी के बीच पहले बहस हुई और फिर अरुण ने संजय का कॉलर पकड़कर उस पर मुक्के-घूंसे बरसा दिए। इस मारपीट में संजय की आंख, कान और सिर में चोटें आईं।
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में दोनों पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई और मौजूद लोगों के उन्हें अलग करने की कोशिशें साफ देखी जा सकती हैं। घटना के बाद अदालत परिसर में हंगामा खड़ा हो गया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे। संजय जोशी ने आरोप लगाया है कि अरुण कमलवंशी का उसकी पत्नी से अवैध संबंध है और इसी कारण वह तलाक की कार्यवाही कर रहा है। वहीं, अरुण कमलवंशी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे साजिश बताया है।
हंगामे के बाद दोनों पक्ष सिविल लाइन थाने पहुंचे, जहां एक बार फिर दोनों में गाली-गलौज और झूमाझटकी हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और न्यायालय की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया। सिविल लाइन पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। दोनों पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और घटना के वायरल वीडियो की भी जांच की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभाग ने भी दोनों पर विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है।
इस घटना के बाद अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। वकीलों और न्यायालय कर्मचारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से न्यायालय की गरिमा प्रभावित होती है और सुनवाई के दौरान सख्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।