बलरामपुर : छत्तीसगढ़ की सरकारी स्कूलों की हालत एक बार फिर कटघरे में है। बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड स्थित प्राथमिक शाला घोड़ासोत से सामने आया एक वीडियो राज्य की शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर दिखा रहा है, जो किसी भी जिम्मेदार नागरिक को चिंता में डाल सकता है।
इस वायरल वीडियो में स्कूल के एक शिक्षक ‘Eleven’, ‘Eighteen’ और ‘Nineteen’ जैसे सामान्य अंग्रेजी शब्दों की स्पेलिंग तक नहीं लिख पा रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि जब उनसे राज्य के शिक्षा मंत्री, कलेक्टर और प्रधानमंत्री का नाम पूछा गया, तो वे उसका भी उत्तर नहीं दे पाए।
शिक्षक का ज्ञान बना मज़ाक का कारण
वीडियो में शिक्षक की असहायता देख हर कोई दंग है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब शिक्षक खुद इतने असमर्थ हैं, तो वे बच्चों को क्या और कैसे सिखा पाएंगे? क्या सरकारी स्कूलों की भूमिका केवल मिड-डे मील बांटने और उपस्थिति रजिस्टर भरने तक सिमट कर रह गई है?
नीतियों और जमीनी हकीकत में भारी फासला
राज्य सरकार हर साल शिक्षा पर भारी बजट खर्च करती है। मगर यह घटना दर्शाती है कि नीतियों का असर अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में गुणवत्ता से ज़्यादा खानापूर्ति पर जोर दिया जा रहा है। घोड़ासोत स्कूल की यह स्थिति पूरे राज्य की शिक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।
क्या होगी कार्रवाई ?
इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासनिक और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। सवाल यह भी है कि क्या ऐसे शिक्षकों की पुनः योग्यता जांच होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?