मध्य प्रदेश

अजब – गजब कारनामा …. 4 लीटर पेंट पोतने के लिए लगाए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री …. शिक्षा विभाग ने बनाया भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड

शहडोल : यदि आप 4 लीटर पेंट रखकर कोई काम कराना चाहें तो कितने मजदूर उसमें लगेंगे और कितना पेमेंट करना पड़ेगा…? दिमाग पर ज़ोर मत डालिए, हम आपको बताते हैं.. इसमें लगेंगे 168 मजदूर और 65 राजमिस्त्री.. और उसके लिए आपको 1 लाख छह हजार रुपये से ज्यादा पेमेंट करना पड़ेगा। ये सुनकर आपको भरोसा नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये कारनामा हुआ है एमपी के शहडोल जिले की ब्यौहारी विधान सभा के ग्राम सकंदी एवं निपानिया ग्राम के स्कूल में और इसका पेमेंट भी हो गया। आइए जानते हैं भृष्टाचार की कहानी..

ब्यौहारी विधान सभा के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में खिडकियों और बाकी जगह पेंट होना था। इसके लिए जो जरूरी सामान खरीदा गया था वो था सिर्फ चार लीटर पेंट, लेकिन जब उसका बिल पास करवाया गया तो उसमें 168 मज़दूर और 65 राज मिस्त्री के काम करने की बात दर्शाई गई। इस बिल में साफ़ लिखा है राशि 1,06,984 रुपये (एक लाख छह हजार नौ सौ चौरासी)। दिलचस्प बात ये है कि ये राशि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची ने ट्रेजरी से निकाल भी ली।

इसी तरह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में भी 275 मजदूरों और 150 राजमिस्त्री 20 लीटर ऑयल पेंट पुताई और 10 नग खिड़की लगवाई एवं चार दरवाजों की फिटिंग में लगे। इसके लिए 2,316,85 रुपये निकाले गए। गौरतलब है दोनों स्कूल जहां हैं, वहां तो इतने मजदूर और राज मिस्त्री ही नहीं हैं। बिल किसी सुधाकर कंस्ट्रक्शन ग्राम पंचायत ओदारी तहसील ब्यौहारी का है, जिसे प्रिंसपल ने वेरीफाई किया है।

रुकिए…. कहानी यहीं नहीं ख़त्म होती, जरा उलटी बहती गंगा के और दर्शन करिए। बिल 5 मई 2025 को रेडी हुआ और बिल करने से तकरीबन एक महीने एक दिन पहले यानी 4 अप्रैल 2025 को वेरीफाई कर दिया गया। अब प्रश्न यह उठता है कि 1 महीना पहले ही प्रिंसिपल कैसे सत्यापित कर सकते हैं और ट्रेजरी इसे पास कैसे कर सकता है। अब अधिकारियों की चेतना जगी है महज एक टिप्पणी के साथ कि मामले की जांच करवाई जाएगी।

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