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Nimisha Priya Case : भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली राहत, भारत सरकार के हस्तक्षेप से टली मौत की सजा

यमन : यमन में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया को भारत सरकार के राजनयिक प्रयासों के चलते बड़ी राहत मिली है। स्थानीय प्रशासन ने उनकी फांसी की सजा को फिलहाल टाल दिया है, जिससे निमिषा के परिवार और वकीलों को मृतक तलाल अबदो मेहदी के परिवार के साथ ब्लड मनी (दिया) पर समझौता करने के लिए और समय मिल गया है। यह फैसला मंगलवार सुबह 10.30 बजे हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया, जिसमें केरल के मुफ्ती अबू बकर मुसलियार के मित्र शेख हबीब उमर भी शामिल थे।

भारत सरकार का राजनयिक दखल-

निमिषा प्रिया, जो 2017 से सना के सेंट्रल जेल में बंद हैं, को 2018 में यमनी नागरिक तलाल अबदो मेहदी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत सरकार ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए यमनी अधिकारियों और हूती प्रशासन के साथ संपर्क स्थापित किया, जो सना में सत्ता में है। भारत और हूती प्रशासन के बीच औपचारिक राजनयिक संबंधों की कमी के बावजूद, सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और निमिषा की सजा को टालने के लिए प्रभावी कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई, जहां केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि ब्लड मनी ही निमिषा की जान बचाने का एकमात्र व्यवहारिक विकल्प है।

ब्लड मनी, आखिरी उम्मीद-

इस्लामिक शरिया कानून के तहत दिया या ब्लड मनी का प्रावधान मृतक के परिवार को मुआवजा देकर सजा माफ करने की संभावना प्रदान करता है। निमिषा के परिवार और सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने मृतक तलाल के परिवार को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.6 करोड़ रुपये) की पेशकश की है। इसके अतिरिक्त, सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने तलाल के भाई को यूएई या सऊदी अरब में बसने के लिए सहायता और चिकित्सा सहायता का प्रस्ताव भी दिया है। हालांकि, तलाल का परिवार अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हुआ है, लेकिन आज की बैठक के बाद बातचीत के लिए और समय दिया गया है। 

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