बुधनी : मध्य प्रदेश के बुधनी में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहाँ की प्राकृतिक गुफा में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग पर चट्टानों से निरंतर टपकता जल और हर हर महादेव के जयकारों के साथ तेज होने वाला जल प्रवाह आज भी रहस्य बना हुआ है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, जितनी जोर से भक्त जयकारा लगाते हैं, उतनी ही तेजी से गुफा में शिवलिंग पर जल की बूंदें टपकती हैं। यह चमत्कार सावन के महीने में हजारों श्रद्धालुओं को इस पवित्र स्थल की ओर खींच रहा है।
रहस्यमयी जल स्रोत, प्रकृति का अनोखा अभिषेक-
टपकेश्वर महादेव मंदिर रेहटी तहसील के विध्यांचल पर्वतों की दुर्गम पहाड़ियों में स्थित है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है गुफा की छत से शिवलिंग पर निरंतर टपकता जल, जिसका स्रोत आज तक वैज्ञानिक और पुरातत्ववेत्ता नहीं खोज पाए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मियों की तपती गर्मी में भी यह जल स्रोत सूखता नहीं, और सावन में हर हर महादेव के जयकारों के साथ जल की बूंदों का प्रवाह और तेज हो जाता है। इस चमत्कार ने मंदिर को आध्यात्मिक और रहस्यमयी महत्व प्रदान किया है। पुजारी रामदास गिरी ने बताया, यह भगवान शिव का चमत्कार है। जयकारों की गूंज से जल की धारा तेज होना भोलेनाथ की कृपा का प्रतीक है।
महाभारत काल से जुड़ा इतिहास-
टपकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह गुफा सिद्ध संतों और महात्माओं की तपोस्थली रही है। कुछ कथाओं में इसे महाभारत काल से जोड़ा जाता है, जहाँ कहा जाता है कि गुरु द्रोणाचार्य या उनके पुत्र अश्वत्थामा ने यहाँ तपस्या की थी। मंदिर के महंत गोविंद गिरी के अनुसार, यहाँ सैकड़ों सिद्ध महात्माओं ने तप कर सिद्धियाँ प्राप्त कीं। गुफा की चट्टानों से टपकता जल भगवान शिव का आशीर्वाद है, जो भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करता है।
प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति-
मंदिर के चारों ओर फैली हरियाली, विध्यांचल की पहाड़ियाँ, और पास बहने वाली छोटी नदियाँ इस स्थान को प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम नमूना बनाती हैं। सावन के महीने में बारिश की फुहारों के बीच यहाँ का दृश्य मन मोह लेता है। आसमान को छूती पहाड़ियाँ, झरनों की कल-कल, और हरे-भरे घास के मैदान भक्तों को आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ प्रकृति का आनंद प्रदान करते हैं।
कैसे पहुँचें टपकेश्वर महादेव मंदिर?
टपकेश्वर महादेव मंदिर बुधनी की रेहटी तहसील में विध्यांचल पर्वतों के बीच स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए दो रास्ते हैं-
नकटीतलाई रास्ता- यहाँ से 4-5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो दुर्गम लेकिन रोमांचक है। यह रास्ता प्रकृति प्रेमियों और तीर्थयात्रियों के लिए खास है।
ग्राम बायां रास्ता- हाल ही में निर्मित 5 किलोमीटर की सड़क के जरिए भक्त मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं। यह रास्ता माँ बिजासन देवी धाम सलकनपुर से कुछ दूरी पर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए होशंगाबाद या भोपाल से बस या निजी वाहन द्वारा रेहटी तक जाया जा सकता है। वहाँ से स्थानीय साधनों या पैदल यात्रा द्वारा मंदिर पहुँचा जाता है। मंदिर समिति ने सावन के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, जिसमें पेयजल, छाया, और सुरक्षा के लिए पुलिस तैनाती शामिल है।
पिकनिक स्पॉट के रूप में उभरता स्थल-
टपकेश्वर महादेव मंदिर अब केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के रूप में भी उभर रहा है। सावन और बारिश के मौसम में यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। सावन में यहाँ का मेला और भक्ति का माहौल अनूठा होता है।ष् मंदिर के आसपास छोटे-छोटे झरने और नदियों का दृश्य इसे परिवारों और युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है।