अयोध्या : रामनगरी अयोध्या से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल रिश्तों की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।यहां एक बुजुर्ग महिला को देर रात उसके ही परिजन ई-रिक्शा में लाकर सड़क किनारे छोड़ गए। यह पूरी घटना किशुन दासपुर के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
वीडियो में दिखी क्रूरता की हद
सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि रात करीब 11:30 बजे एक ई-रिक्शा रुकता है। उसमें बैठी एक बुजुर्ग महिला को सहारा देने की बजाय, उसे सड़क के किनारे उतार कर रिक्शा वाले (जो कथित तौर पर उसका रिश्तेदार है) तेजी से वहां से चला जाता है।महिला वहीं बैठी रह जाती है — भयभीत, असहाय और चुप। न कोई आवाज, न कोई विरोध।
कौन है यह बुजुर्ग महिला?
स्थानीय लोगों ने सुबह जब महिला को उसी हालत में बैठे देखा तो पास जाकर उससे बात करने की कोशिश की। महिला बहुत कमजोर और भ्रम की स्थिति में थी। वो केवल इतना ही बोल पाई कि “घर ने निकाल दिया…”फिलहाल, महिला की पहचान [नाम – अगर ज्ञात हो] के रूप में हुई है, और वह लगभग 75 वर्ष की बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने की मदद, प्रशासन मौन
स्थानीय निवासियों ने तुरंत इस मामले की सूचना प्रशासन को दी और महिला को भोजन व पानी उपलब्ध कराया।लेकिन हैरानी की बात ये है कि अब तक न तो परिवार के किसी सदस्य ने लौटकर उसकी सुध ली है, न ही प्रशासन ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है।
समाज को झकझोरने वाली घटना
अयोध्या जैसे धार्मिक और संस्कारी नगरी में जब अपने ही ‘माँ’ को बोझ समझकर सड़क पर फेंक दें, तो सवाल केवल परिवार पर नहीं, पूरे समाज की सोच पर उठता है। लोगों का कहना है कि “अगर आज ये किसी और के साथ हुआ है, तो कल ये किसी के भी साथ हो सकता है।”
पुलिस ने शुरू की जांच
फुटेज के आधार पर ई-रिक्शा और उसके चालक की पहचान की जा रही है। प्राथमिक तौर पर यह महिला के परिजनों द्वारा ही उसे छोड़े जाने की बात सामने आई है।पुलिस ने महिला को अस्थायी आश्रय गृह भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।