Bijapur

CG : नदी पार करते समय दो छात्राएं नदी में बही हादसे के बाद नगरसेना, एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू अभियान किया शुरू

बीजापुर : नदी में बही दो छात्राओं का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। सोमवार को भैरमगढ़ ब्लॉक अंतर्गत नेलगोड़ा घाट पर बड़ा हादसा हुआ था। इंद्रावती नदी पार करने के दौरान डोंगी (नाव) पलट गई, जिससे दो मासूम छात्राएं नदी की तेज धार में बह गईं। सूचना मिलते ही पुलिस और नगरसेना की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। मंगलवार सुबह विधायक विक्रम मंडावी ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।

हादसे की पूरी घटना

जानकारी के अनुसार, सोमवार को नारायणपुर जिले के तीन ग्रामीण और कुछ स्कूली बच्चियों सहित कुल 11 लोग डोंगी में सवार होकर नदी पार कर रहे थे। ये लोग धान मिलिंग कराने के लिए नलगोंडा की ओर जा रहे थे। नदी पार करते समय अचानक डोंगी का संतुलन बिगड़ गया। इस दौरान कुछ ग्रामीण घबराकर नदी में कूद गए, लेकिन तेज बहाव के चलते डोंगी अनियंत्रित होकर पलट गई।डोंगी पलटने के बाद उसमें सवार 11 लोगों में से 9 लोग सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन मनीषा (10 वर्ष) और शर्मिला उज्जी (11 वर्ष) नदी की लहरों में बह गईं। दोनों बच्चियों की मां भी नाव में सवार थी, जिसे सुरक्षित निकाल लिया गया।

रेस्क्यू अभियान जारी

घटना की सूचना मिलते ही भैरमगढ़ पुलिस, नगरसेना, एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। टीम ने करीब 10 किलोमीटर तक नदी में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन बच्चियों का कोई सुराग नहीं लग सका।मंगलवार सुबह विधायक विक्रम मंडावी घटनास्थल पहुंचे और राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जल्द से जल्द दोनों बच्चियों की खोजबीन तेज करने के निर्देश दिए।

नदी पार करने का एकमात्र साधन डोंगी

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एहकेली और नलगोंडा घाट के बीच इंद्रावती नदी की चौड़ाई लगभग 500 मीटर है। नलगोंडा के आगे अबूझमाड़ क्षेत्र के करीब 13 गांव हैं, जैसे एकेली, कोमुकलाजा, निराम पल्लेवाया, चिंगेर, ताकीलोड़, पीडियाकोट, डुंगा, कुजेवाड़ा और पुसालआंबा आदि। इन गांवों के लिए इंद्रावती नदी पार करने का एकमात्र साधन डोंगी ही है। बरसात और तेज बहाव के समय ग्रामीणों को हमेशा इसी तरह की जोखिम उठानी पड़ती है।

प्रशासन और पुलिस का बयान

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। नदी की तेज धार और चौड़ाई के कारण गोताखोरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन ने आसपास के गांवों में अलर्ट जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे नदी पार करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।इस हादसे ने ग्रामीणों में गहरा आघात छोड़ा है। परिवारजन और ग्रामीण लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं और दोनों बच्चियों की सकुशल बरामदगी की उम्मीद लगाए हुए हैं।

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