बलरामपुर : जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में चोरी के एक मामले की जांच के दौरान पुलिस कस्टडी में एक 19 वर्षीय युवक की मौत हो जाने से हड़कंप मच गया। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर बेहरहमी से पिटाई करने और हत्या करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, पुलिस प्रशासन का कहना है कि युवक की मौत अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उपचार के दौरान हुई। घटना के बाद परिजनों के विरोध को देखते हुए कोतवाली थाना परिसर सहित पूरे इलाके में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है, ताकि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति न बने।
50 लाख की चोरी की गुत्थी से जुड़ा मामला
घटना 30-31 अक्टूबर की रात शहर में हुई एक बड़ी चोरी से जुड़ी है। धनंजय ज्वेलर्स में ताला तोड़कर अज्ञात आरोपियों ने लगभग 50 लाख रुपये के जेवर और नगदी चोरी कर ली थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया था। जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिला कि सीतापुर क्षेत्र की “बादी गैंग” ने इस चोरी को अंजाम दिया है।इसी आधार पर पुलिस ने चोरी के माल को खरीदने वाले एक ज्वेलर्स सहित कुल 9 संदिग्धों को हिरासत में लिया। इन्हीं में से एक 19 वर्षीय उमेश सिंह भी शामिल था, जिसे चोरी का सामान बरामद कराने के लिए पुलिस टीम अपने साथ लेकर गई थी।
अस्पताल में हुई मौत, परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
पुलिस के अनुसार, चोरी का सामान बरामद करने के बाद जब टीम उमेश सिंह को लेकर बलरामपुर लौट रही थी, तभी उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां करीब आधे घंटे में उसने दम तोड़ दिया।मौत की खबर मिलते ही उमेश के परिजन अस्पताल पहुंचे और पुलिस पर हिरासत में मारपीट करने का आरोप लगाया। मृतक की मां और बहन ने पुलिस पर जानबूझकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उमेश बिल्कुल स्वस्थ था और पुलिस की मारपीट के कारण उसकी मौत हुई है। दोनों ने न्याय की मांग करते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा किया।
पुलिस प्रशासन की सफाई, 1 साल से था बीमार
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल और थाना क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन सतर्क इसलिए भी रहा क्योंकि एक वर्ष पूर्व भी कोतवाली थाने में युवक की मौत के बाद बड़े पैमाने पर बवाल हुआ था।एडिशनल एसपी वी. डी. त्रिपाठी ने बताया कि चिकित्सा जांच में सामने आया है कि मृतक पिछले एक वर्ष से सिकल सेल बीमारी से पीड़ित था। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में पिटाई के आरोप बेबुनियाद हैं और युवक की मौत अचानक तबीयत बिगड़ने से अस्पताल में हुई है। उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी।
पोस्टमॉर्टम के बाद भी परिजन ने नहीं लिया शव
उमेश सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम पूरा करने के बाद उसे परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन परिजन ने शव लेने से इंकार कर दिया। परिजनों ने अधिकारियों से मांग की कि जांच निष्पक्ष हो, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए और परिवार को न्याय दिलाया जाए।यह घटना एक बार फिर पुलिस कस्टडी में मौत और गिरफ्तारी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है। जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मैजिस्ट्रियल जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में है।






















