बालोद/डौंडी : डौंडी नगर में बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी को लेकर व्यापारी संघ ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया। अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आक्रोशित व्यापारियों ने पूरे बाजार की दुकानें बंद रखीं और नगर पंचायत कार्यालय का घेराव करते हुए विरोध दर्ज कराया। सैकड़ों की संख्या में व्यापारी नगर पंचायत के सामने धरने पर बैठे रहे और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एसके देवांगन (सीएमओ) और इंजीनियर दीप्ति कुर्रे को तत्काल निलंबित करने की मांग की।
व्यापारियों ने चेताया: बात नहीं बनी तो करेंगे मुख्य मार्ग बंद
डौंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष तिलक दुबे के नेतृत्व में हो रहे इस प्रदर्शन में व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द मांगें नहीं मानीं, तो वे भानुप्रतापपुर–राजनांदगांव–बालोद मुख्य मार्ग को जाम कर देंगे।
व्यापारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- नगर पंचायत कॉम्प्लेक्स की दुकानों में छत से पानी टपकने की समस्या: बरसात के मौसम में दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारी चाहते हैं कि जल्द से जल्द मरम्मत कार्य कराया जाए।
- महिला प्रसाधन की सुविधा: नगर पंचायत क्षेत्र में खासकर महिलाओं के लिए प्रसाधन की कोई सुविधा नहीं है, जिससे उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर कठिनाई होती है।
- स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था: नव जागरण चौक से सब्जी मंडी तक की सड़क पर अंधेरा रहता है। व्यापारी मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर जल्द स्ट्रीट लाइट लगाई जाए।
- साफ-सफाई का अभाव: नालियों और बाजार क्षेत्र में नियमित सफाई नहीं होने से दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। व्यापारी नियमित सफाई की मांग कर रहे हैं।
- आवारा मवेशियों की समस्या: नगर क्षेत्र में घूम रहे आवारा मवेशी न केवल फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि राहगीरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। व्यापारियों की मांग है कि इन मवेशियों के लिए कोई सुरक्षित और व्यवस्थित आश्रय स्थल बनाया जाए।
प्रशासन से हुई बातचीत बेनतीजा
नगर पंचायत अधिकारियों और व्यापारियों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। व्यापारियों का कहना है कि यदि जल्द उनकी मांगों को अमल में नहीं लाया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस प्रदर्शन से डौंडी में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप रहीं। नागरिक भी परेशान दिखे, लेकिन अधिकतर लोग व्यापारियों की मांगों को जायज बता रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस जनआंदोलन को कैसे संभालता है और मांगों पर कितनी तेजी से कार्रवाई होती है।