बिलासपुर : 13 वर्षीय छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में दोषी शिक्षक की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर अपील को जस्टिस संजय के. अग्रवाल की एकल पीठ ने खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई 5 साल की सजा और 2000 रुपये के जुर्माने को सही ठहराते हुए कहा कि आरोपी ने छात्रा की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। मामला मुंगेली जिले का है, जहां शासकीय हाईस्कूल में व्याख्याता पद पर पदस्थ शिक्षक अमित सिंह के खिलाफ छात्रा की मां ने 25 अगस्त 2022 को थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, शिक्षक ने उसकी 13 वर्षीय पुत्री के साथ अश्लील हरकतें की थीं।
छात्रा अनुसूचित जाति वर्ग से है, जिस कारण पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354, पॉक्सो एक्ट की धारा 10 और SC/ST एक्ट की धारा 3(1) के तहत मामला दर्ज किया था। ट्रायल कोर्ट ने सबूतों और गवाही के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराते हुए 5 वर्ष का कठोर कारावास और 2000 रुपये जुर्माना लगाया था।आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए दावा किया कि वह 25 अगस्त को स्कूल में उपस्थित ही नहीं था और आकस्मिक अवकाश पर था।
लेकिन कोर्ट ने पाया कि उक्त दस्तावेज़ पर केवल प्राचार्य का हस्ताक्षर था, जबकि अन्य कोई प्रमाण नहीं था। साथ ही यह भी तथ्य सामने आया कि छात्रा से अन्य दिनों में भी आरोपी द्वारा छेड़छाड़ की गई थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए अपील को खारिज कर दिया और रजिस्ट्री को आदेश दिया कि इस निर्णय की प्रति संबंधित जेल अधीक्षक को भेजी जाए, जहां आरोपी शिक्षक सजा काट रहा है।