Sukma

CG : स्कूली बच्चों के खाने में जहर मिलाने का मामला : हत्या के प्रयास की FIR दर्ज, हाईकोर्ट ने भी जतायी थी नाराजगी, मांगी रिपोर्ट

सुकमा : नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। पाकेला पोटाकेबिन स्कूल में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन में जहर (फिनाइल) मिलाने की साजिश का खुलासा हुआ है। यह मामला 21 अगस्त का बताया जा रहा है। गनीमत यह रही कि परोसे जाने से पहले भोजन की जांच के दौरान इसमें गड़बड़ी पकड़ ली गई, जिससे लगभग 400 बच्चों की जान बच गई।

कैसे हुआ खुलासा

जानकारी के मुताबिक पोटाकेबिन-आश्रमों में रोजाना बच्चों को भोजन परोसने से पहले अनिवार्य रूप से सहायक अधीक्षक और अनुदेशक उसकी जांच करते हैं। 21 अगस्त को भी इसी प्रक्रिया के दौरान जब सब्जी की जांच की गई तो उसमें से तेज फिनाइल जैसी बदबू आने लगी। जांच कर रहे कर्मचारियों ने तुरंत खाना रुकवा दिया और मामले की सूचना अधीक्षक दुजाल पटेल को दी। अधीक्षक ने तत्काल इसकी लिखित शिकायत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की।

जांच और FIR दर्ज

शिकायत के आधार पर सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तत्काल जांच टीम गठित की। टीम ने पोटाकेबिन पहुंचकर भोजन का निरीक्षण किया और वहां मौजूद शिक्षक, कर्मचारियों और बच्चों से पूछताछ की। जांच में कई बच्चों ने आरोप लगाया कि पोटाकेबिन में पदस्थ एक शिक्षक ने ही भोजन में फिनाइल मिलाई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर छिंदगढ़ थाने में हत्या के प्रयास की धारा 109 BNS के तहत FIR दर्ज की गई है। सुकमा एएसपी रोहित शाह ने भी FIR दर्ज होने की पुष्टि की है।

14 लोगों को नोटिस, बड़ी कार्रवाई की संभावना

इस पूरे मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए आश्रम अधीक्षक समेत 14 लोगों को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ का गंभीर मामला है, इसलिए जल्द ही बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

अफसरों की प्रतिक्रिया

डीएमसी सुकमा उमाशंकर तिवारी ने बताया कि अधीक्षक से शिकायत मिलते ही तत्काल जांच शुरू कराई गई। बच्चों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए और पूरी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी गई है। कलेक्टर की सिफारिश पर ही FIR दर्ज हुई है।

जनाक्रोश और चिंता

इस घटना ने जिलेभर में आक्रोश फैला दिया है। बच्चों के माता-पिता और ग्रामीणों ने कहा कि यह घटना बेहद डराने वाली है और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी मांग की है कि इस तरह के मामलों पर त्वरित और कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।

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