Astha

उज्जैन के अधिपति श्री महाकालेश्वर महाराज: सनातन आस्था के केन्द्र, भक्तों के विश्वास के शाश्वत स्तंभ

उज्जैन, 9 जून 2025 : प्राचीन नगरी उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, संपूर्ण भारतवर्ष के श्रद्धालुओं के लिए आस्था, ऊर्जा और शिवभक्ति का जीवंत केंद्र है। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और अकेला दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग होने के कारण श्री महाकालेश्वर का धार्मिक और तांत्रिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है।

हर दिन तड़के ब्रह्ममुहूर्त में होने वाली भस्म आरती एक दिव्य अनुभव है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के रुद्र रूप के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से महाकालेश्वर की शरण में आता है, उसके समस्त भय, दोष और दुख समाप्त हो जाते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब उज्जैन में एक राक्षस से ब्राह्मणों की रक्षा हेतु भगवान शिव ने काल रूप धारण किया था, तभी यहां महाकाल स्वरूप प्रकट हुए। तभी से वे “महाकाल” कहे जाने लगे – अर्थात् मृत्यु के भी स्वामी।

आज भी उज्जैन का महाकाल मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना, श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक है। श्रावण मास, महाशिवरात्रि और नवरात्रि के दौरान यह मंदिर लाखों शिवभक्तों से भर जाता है, जो “जय महाकाल” के गगनभेदी उद्घोष के साथ भक्ति में लीन हो जाते हैं।

महाकाल लोक का भव्य निर्माण और विस्तार भी भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण की एक मिसाल बन चुका है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

What's your reaction?

Related Posts

Tapkeshwar Mahadev Mandir : भोलेनाथ का अनोखा मंदिर, जहां खुद प्रकृति साल भर करती है महादेव का अभिषेक, आज तक बना रहस्यमयी…

बुधनी : मध्य प्रदेश के बुधनी में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का…